[ Featuring Hassaan Bin Shaheen ]
ऐसे कैसे
फिर से तन्हाई आगाए है
ऐसे कैसे
मॅन पेर यह छा गये है
ऐसे कैसे
मेरे पास कभी ना कोई है
ऐसे कैसे
दूण्या में खुशियाँ नही हैं
ऐसे कैसे
आज वफ़ादार लोग नही हैं
ऐसे कैसे
दूण्या में अमन की कमी है
ऐसे कैसे
मॅन में रातों को नामी है
ऐसे कैसे
ज़िंदगी में खुशियाँ नही हैं
ऐसे कैसे हम भूल जायें
वो सारे पल, जो बीते थे साथ मे
हादसे ही होने थे बाद मे
हांपते तेरी तलाश मई
साथ मई, जो तू जो साथ था
अब नही सामने काँपते
रोशनी की आस मैं, घुट्टी साँसें
छुट्टी पतंग, कटती मांजें
खुवैसाइन हज़ारों पर दिल टॉ है एक
यूँ मुझ को ना देख
था मेरा क़ुसूर क तुझ से मई डोर
था मेरा फूतूर के की थी उमीईद
योउ वन'त सी मे बेगिंग
योउ वन'त सी मे प्लीड
ई आम ऑल तट ई नीड
पर फिर भी मई तन्हा तारपता हूँ
अपने ही कमरे मई भटकता रहूं
मई तक सा गया हूँ है नुक़सान ये मेरा
के अपने ही अक्स से मई च्छूप सा गया हूँ
यकसां मई सब सा बनता ही जाऊं
ऐसे ही ऐसे मई धस्ता ही जाऊं
ऐसे कैसे मरता ही जाऊं
बिखरता ही जाऊं
बिखरता ही जाऊं
बिखरता ही जाऊं
बिखरता ही जाऊं
ऐसे कैसे
फिर से तन्हाई आगाए है
ऐसे कैसे
मॅन पेर यह छा गये है
ऐसे कैसे
मेरे पास कभी ना कोई है
ऐसे कैसे
दूण्या में खुशियाँ नही हैं
ऐसे कैसे
आज वफ़ादार लोग नही हैं
ऐसे कैसे
दूण्या में अमन की कमी है
ऐसे कैसे
मॅन में रातों को नामी है
ऐसे कैसे
ज़िंदगी में खुशियाँ नही हैं
किउन टूटे अकेले, फसे हम झमेले में
अंधेर रास्तों मई ढूंदे सवेरे हाइन
घामों के हाइन फेरे जो मुझ को ले घेरे मई
जब अपने नही टॉ कैसे हम तेरे हाइन
ज़ख़्म चूपते नही इतने वो घेरे हाइन
सयाह फाँ हुआी सारे ये चेहरे हाइन
नाकाम रहकर हम टॉ सब सेहरे हाइन
मरमर के घरों की चाहत थी
ये सा'आत कितनी नहक़ थी
चाह कर भी, कुछ कह भी नही सकते हम
रखते हम, अपने घूम, कर के दिल पे जाबर
करें रूह पे सबर, है ये ऐसा सफ़र
जिस मई खाली हाइन घर
हैं ये ऐसा भंवर
जिस से निकले गें कैसे?
एक अदद थोरी मदद मुझे दे दो मेरी क़दर
सारी हदें करूँ ख़तम, मई पाऊँ अपने हड़फ़
मई टू पूवरी करूँ क़सर, मुझे अपनी बात का असर
मुझे मालूम मेरे आज़म मैने खाई खुद से क़सम
मई नही हूँगा मद्धम
मई नही हूँगा मद्धम
मई नही हूँगा मद्धम
मई नही हूँगा मद्धम
ऐसे कैसे
फिर से तन्हाई आगाए है
ऐसे कैसे
मॅन पेर यह छा गये है
ऐसे कैसे
मेरे पास कभी ना कोई है
ऐसे कैसे
दूण्या में खुशियाँ नही हैं
ऐसे कैसे
आज वफ़ादार लोग नही हैं
ऐसे कैसे
दूण्या में अमन की कमी है
ऐसे कैसे
मॅन में रातों को नामी है
ऐसे कैसे
ज़िंदगी में खुशियाँ नही हैं