नाम पेर तेरे ही जीने का बहाना चाहा
ना कोई मानसब ना कोई ख़ज़ाना चाहा
जो चाहा वो में ना पाया
संग मेरे चलता है तेरा साया
अब टूट गया हूँ में
तेरी यादों में
अब डूब गया हूँ में
तेरी आँखों में
अब टूट गया हूँ में
तेरी यादों में
अब डूब गया हूँ में
तेरी आँखों में
लम्हा लम्हा गिनाते गिनाते गुज़रता है
तेरी सूरत याद करके यह दिल रोता है
आँखें मूंदों तो पास अजाए तू
दिल यह चाहे के अब ना जाए तू
अब टूट गया हूँ में
तेरी यादों में
अब डूब गया हूँ में
तेरी आँखों में
अब टूट गया हूँ में
तेरी यादों में
अब डूब गया हूँ में
तेरी आँखों में