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Main To Hoon Pagal Video (MV)




Performed By: Abhijeet
Featuring: Shahrukh Khan
Length: 6:18
Written by: ANU MALIK, JAVED AKHTAR




Abhijeet - Main To Hoon Pagal Lyrics
Official




[ Featuring Shahrukh Khan ]

हु हु हा हा हा हा
ही हा हा हा हा
हा हा हा हा

The amalgamation before the fluctuation
And ramification of the constitutional ambiguity
And the judicial paradoxical position can be a verbal turmoil
He's right

मै तो हूँ पागल
ये कहूं हर पल
मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी
मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी

अमा मियाँ, साला रे Jamad Misra, Abdulah की नगमा संजी में मसरूब वो मशगुल है
दवाक्ते के दी गये अस्रावे Jamad Misra असरानी के बकिया अरकान की अदा फार्म रहे हैं अये
ये क्या ग़ालिब की ग़ज़ल है

रेत में तैरना सीख ले
और समुन्दर के ऊपर टहल
बीन भैसों के आगे बजा
और हवा में बना ले महल
रेत में तैरना सीख ले
और समुन्दर के ऊपर टहल
बीन भैसों के आगे बजा
और हवा में बना ले महल
Suit लोहे का सिलवा ले तू
और पैरों पे चश्मा लगा
हाथ में बाँध ले वो घड़ी
जिस में हो साढ़े तेरा बजा अये

मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी

एक पके माली के पात्र में दुग्द शर्करा युक्त गरा कन्द्रा उपजीत उशन प्रधान हो
तो काग शेष्ट जा बको ना ध्यानमरस्मान निद्रा अवश्य प्राप्त हो सकते है, नमस्कार
मैंने दूरदर्शन में सुना है

पेड़ से तोड़ ले मछलियाँ
बिल्लियों को तू गाना सिखा
चाँद को कर दे चौकोर तू
और सूरज तिकोना बना
पेड़ से तोड़ ले मछलियाँ
बिल्लियों को तू गाना सिखा
चाँद को कर दे चौकोर तू
और सूरज तिकोना बना
ओ, बिना पहिये की गाडी में चल
भूल जा अपने घर का पता
लेके हाथी को मुट्ठी में तू
Cabaret देख ले ऊँट का अये

मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी

हा हा हा हा
[ Correct these Lyrics ]

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हु हु हा हा हा हा
ही हा हा हा हा
हा हा हा हा

The amalgamation before the fluctuation
And ramification of the constitutional ambiguity
And the judicial paradoxical position can be a verbal turmoil
He's right

मै तो हूँ पागल
ये कहूं हर पल
मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी
मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी

अमा मियाँ, साला रे Jamad Misra, Abdulah की नगमा संजी में मसरूब वो मशगुल है
दवाक्ते के दी गये अस्रावे Jamad Misra असरानी के बकिया अरकान की अदा फार्म रहे हैं अये
ये क्या ग़ालिब की ग़ज़ल है

रेत में तैरना सीख ले
और समुन्दर के ऊपर टहल
बीन भैसों के आगे बजा
और हवा में बना ले महल
रेत में तैरना सीख ले
और समुन्दर के ऊपर टहल
बीन भैसों के आगे बजा
और हवा में बना ले महल
Suit लोहे का सिलवा ले तू
और पैरों पे चश्मा लगा
हाथ में बाँध ले वो घड़ी
जिस में हो साढ़े तेरा बजा अये

मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी

एक पके माली के पात्र में दुग्द शर्करा युक्त गरा कन्द्रा उपजीत उशन प्रधान हो
तो काग शेष्ट जा बको ना ध्यानमरस्मान निद्रा अवश्य प्राप्त हो सकते है, नमस्कार
मैंने दूरदर्शन में सुना है

पेड़ से तोड़ ले मछलियाँ
बिल्लियों को तू गाना सिखा
चाँद को कर दे चौकोर तू
और सूरज तिकोना बना
पेड़ से तोड़ ले मछलियाँ
बिल्लियों को तू गाना सिखा
चाँद को कर दे चौकोर तू
और सूरज तिकोना बना
ओ, बिना पहिये की गाडी में चल
भूल जा अपने घर का पता
लेके हाथी को मुट्ठी में तू
Cabaret देख ले ऊँट का अये

मै तो हूँ पागल ये कहूं हर पल
कर कोई हलचल होने दे, होने दे
होने दे, होने दे, होने दे
कोई दीवानगी

हा हा हा हा
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANU MALIK, JAVED AKHTAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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