ढूंढ रहे हैं मेरे लिए लड़का मेरे घर वाले
अरे कितने लड़के देखे लम्बे ठिंगने गोरे काले
एक लड़के ने पूछा क्या तुझे नाचना गाना आता है
मैने कहा आता है क्या तुझे तबला बजाना आता है
भई वाह क् या कहने क्या जवाब मारा है
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
कुछ मत पूछो तौबा है बस इन लड़कों की मांगों से
उड़ते हैं ये पंख लगा के चलते नहीं ये टांगों से
एक लड़के ने कहा मुझे मेरा घर बार सम्भालेगी
मैने कहा ना मेरे बच्चे तेरी अम्मा पालेगी
हे
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
फिर एक लड़का मिला मुझे जो शहर में सबसे लम्बा था
बिच सड़के मैं खड़ा हुआ जैसे बिजली का खम्बा था
उस लम्बे ने पूछा मुझे तू कैसे गले लगाएगी
मैंने कहा तू ग़म ना कर सीढ़ी से काम चलायेगी
हे
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
काले और कलुटे भी तो गोरे रंग पे मरते है
गंजे लम्बी जुल्फों वाली बीवी ढूंढा करते है
एक गंजे ने कहा मुझे मैं आशिक तेरे बालो पे
मैंने कहा लानत है तेरे जैसे चाहने वालो पे
ओ
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
फिर इक लड़का आया जिसका क़द मुझसे भी छोटा था
दरवाज़े के बीच फंस गया तौबा कितना मोटा था
उस मोटे ने पूछा तुझे घोड़े की सवारी आती है
मैने कहा आती है पर तू घोड़ा है या हाथी है
हा हा हा
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
ये सुन के वो नींद से जाग गया मैदान छोड़ के भाग गया
रंगमहल में खोयी थी मैं यौवन की रंगरलियों में
दूर से इक दिन इक परदेसी आया मेरी गलियों में
उस ज़ुल्मी ने इतना कहकर मेरी ज़िद को तोड़ दिया
ना कर हाँ कर तेरी मर्ज़ी तेरे लिए जग छोड़ दिया
ये सुन कर मैं नींद से जाग गई मैं साथ पिया के भाग गई
ये सुन कर मैं नींद से जाग गई मैं साथ पिया के भाग गई
हे हे हे हे हे