जो हमनवा थे अब वो खफा हैं
कल हमसफ़र थे अब हैं जुदा
क्यों आंसुओं से लिखने लगी हैं
अब ज़िंदगानी ये दास्तान
पहले थे हसे जितना
अब उतना बुरा लगता हैं
सब तो खो गया मुझसे
अब किसके लिए रुकना हैं
फिर चला फिर चला
उन् राहों से दिल चला
फिर चला फिर चला
उन् राहों से दिल चला
तकदीरों की इस लड़ाई में
बैठे हैं रिश्ते ये हारे हुए
बेचारे दिल को तो पूछो कोई
इसकी ख़ुशी इसको क्या चाहिए
रहती थी जहाँ रौनक
अब घर वो सुना पड़ा हैं
वो जो ख्वाब देखा थे
सौ टुकड़ो में टूटा पड़ा हैं
फिर चला फिर चला
उन् राहों से दिल चला
फिर चला फिर चला
उन् राहों से दिल चला