कोई होता जिसको अपना
हम अपना कह लेते यारों
पास नहीं तो दुर ही होता
लेकिन कोई मेरा अपना
कोई होता जिसको अपना
हम अपना कह लेते यारों
पास नहीं तो दुर ही होता
लेकिन कोई मेरा अपना
आँखों में नींद न होती
आँसू ही तैरते रहते
ख्वाबों में जागते हम रात भर
आँखों में नींद न होती
आँसू ही तैरते रहते
ख्वाबों में जागते हम रात भर
कोई तो गम अपनाता
कोई तो साथी होता
कोई होता जिसको अपना
हम अपना कह लेते यारों
पास नहीं तो दुर ही होता
लेकिन कोई मेरा अपना
भूला हुआ कोई वादा
बीती हुई कुछ यादे
तनहाई दोहराती है रात भर
कोई दिलासा होता
कोई तो अपना होता
कोई होता जिसको अपना
हम अपना कह लेते यारों
पास नहीं तो दुर ही होता
लेकिन कोई मेरा अपना