जिस्म से ना वास्ता
रूह भी अजनबी
एक पल में किस तरह
ज़िंदगी तू बनी
जिस्म से ना वास्ता
रूह भी अजनबी
एक पल में किस तरह
ज़िंदगी तू बनी
तू ही बता दे कैसे हुआ यह
कैसे बना मैं हो मरहबा
आशिक़ तेरा तेरा तेरा
आशिक़ तेरा तेरा तेरा
कैसे जिए जिए जिए
आशिक़ तेरा
तेरा तेरा तेरा तेरा
आशिक़ तेरा तेरा तेरा
कैसे जिए जिए जिए
आशिक़ तेरा
कल तक तो काफ़िर था यह मेरा दिल
कैसे नमाज़ी हो गया
सुनता नही था यह तो मेरी भी
तुझसे यह राज़ी हो गया
तेरे बिना ना धड़केगा
तेरे लिए ही तडपेगा
जब तक हैं साँसें आख़िरी
तू ही बता दे कैसे हुआ यह
कैसे बना मैं हो मरहबा
आशिक़ तेरा तेरा तेरा
आशिक़ तेरा तेरा तेरा
कैसे जिए जिए जिए
आशिक़ तेरा
तेरा तेरा तेरा तेरा
आशिक़ तेरा तेरा तेरा
कैसे जिए जिए जिए
आशिक़ तेरा
औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ
औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ
औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ
औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ