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Nadi Kinare Khada Hai Video (MV)




Performed By: Anup Jalota
Length: 4:49
Written by: Anup Jalota




Anup Jalota - Nadi Kinare Khada Hai Lyrics
Official




नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा

इस जग की नादिया में देखो, प्रभु का जल है प्यारा
छल छल कल कल निर्मल है जल, प्रभु सुमिरन की धारा
जीवन की गति ऐसो है, जस जल में पड़े बताशा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यू छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा

बहती नादिया की धारा में, जी भरकर जल भर पी ले
जनम जनम की प्यास बुझे है, इस जीवन को जी ले
बहती नादिया की धारा में, जी भरकर जल भर पी ले
जनम जनम की प्यास बुझे है, इस जीवन को जी ले
मृग तृष्णा की भटक मिटे, और मॅन की मिटे बिपासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यू छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा

जल दर्पण तू देख ले मुख को, प्रभु जल ही तन धोता
निर्मल तन मॅन हो जावे रे, रोज लगा ले गोता
जल दर्पण तू देख ले मुख को, प्रभु जल ही तन धोता
निर्मल तन मॅन हो जावे रे, रोज लगा ले गोता
श्याम दासा हरी जल का प्यासा, जीवन टोला मासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यू छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा
फिर क्यूँ छोड़े आशा, फिर क्यूँ छोड़े आशा
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नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा

इस जग की नादिया में देखो, प्रभु का जल है प्यारा
छल छल कल कल निर्मल है जल, प्रभु सुमिरन की धारा
जीवन की गति ऐसो है, जस जल में पड़े बताशा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यू छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा

बहती नादिया की धारा में, जी भरकर जल भर पी ले
जनम जनम की प्यास बुझे है, इस जीवन को जी ले
बहती नादिया की धारा में, जी भरकर जल भर पी ले
जनम जनम की प्यास बुझे है, इस जीवन को जी ले
मृग तृष्णा की भटक मिटे, और मॅन की मिटे बिपासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यू छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा

जल दर्पण तू देख ले मुख को, प्रभु जल ही तन धोता
निर्मल तन मॅन हो जावे रे, रोज लगा ले गोता
जल दर्पण तू देख ले मुख को, प्रभु जल ही तन धोता
निर्मल तन मॅन हो जावे रे, रोज लगा ले गोता
श्याम दासा हरी जल का प्यासा, जीवन टोला मासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यू छोड़े आशा
नदी किनारे खड़ा है पगले, फिर भी तू है प्यासा
हरी का नाम तो पास है बंदे, फिर क्यूँ छोड़े आशा
फिर क्यूँ छोड़े आशा, फिर क्यूँ छोड़े आशा
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Writer: Anup Jalota
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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