कहा जाते हो रुक जाओ
तुम्हे मेरी कसम देखो
मेरे बिन चल नहीं पाओगे
जानम दो कदम देखो
कहा जाते हो रुक जाओ
कही भी जाओ हमसा चाहने वाले न पाओगे
हमें ठुकराओगे पछ्ताओगे फिर लौट आओगे
ख़फ़ा होके करो न अपने ही दिल पे सितम देखो
कहा जाते हो रुक जाओ
ज़रा सी बात का तुमने बना डाला है अफ़साना
बनादोगे किसी दीवाने को तुम और दीवाना
हमे कुछ कहेने का मौका तो देदे कम से कम देखो
कहा जाते हो रुक जाओ
किसे मालूम था यूँ भी मोहब्बत रंग लाएगी
हँसाएगी मुझे एक दिन, मगर सौ दिन रुलाएगी
हमारी जान ले लेगा, मोहब्बत का ये ग़म देखो
कहा जाते हो रुक जाओ
तुम्हे मेरी कसम देखो
मेरे बिन चले नहीं पाओगे
जानम दो कदम देखो
कहा जाते हो रुक जाओ