[ Featuring Altamash Faridi, ]
तू ही है आशिक़ी, तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी, तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी, तू इम्तिहाँ मेरी
तू ही मेरा जहां, तू ही जुदा
तू मेरे रूबरू, हर शय में तू ही तू
तू पहली आरज़ू, तू ही जुदा
तू ही है आशिक़ी, तू ही आवारगी
हम आज हमनशीं, अब हों ज़िन्दा
तू ही है आशिक़ी, तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी, तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी, तू इम्तिहाँ मेरी
तू ही मेरा जहां, तू ही जुदा
हर अरसा देख क तेरा चेहरा
हर लम्हा दिल चलनी कर जाए
सजदे मे माँगता नही पर
पर ज़िद है आज खुदा मिल जाए
तुझमें लिखी हूँ मैं, तुझसे जुड़ा हूँ मैं
तू मेरा रोग है, तू ही दवा
तू ही आशिकी है, तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी, तू ही जुदा
तू ही आशिकी
तू ही आशिकी
आधी है रहगुज़र, आधा है आसमां
आधी है मंज़िलें, आधा है जहां
तेरा हूँ जान ले, रूह मुझसे बाँध ले
बाँहों में थाम ले, कर दे ज़िंदा
हर शय में तू, चप्पे चप्पे में तू
ख्वाहिश में तू, क़िस्से क़िस्से में तू
हर ज़िद्द में तू, फ़िक्रों ज़िक्रों में तू
तू ही आशिकी है, तू ही आवारगी
तू ही है ज़िन्दगी, तू ही जुदा
तू इब्तेदा मेरी, तू इम्तिहाँ मेरी
तू ही मेरा जहां, तू ही जुदा
तू ही आशिकी
तू ही आशिकी