आ आ आ आ
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
सब कुछ यहीं है
तेरे घर के बाहर तो न दुनिया न दिन है
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
सब कुछ यहीं है
तेरे घर के बाहर तो न दुनिया न दिन है
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
जैसे भी राखो बिहारी मोहे
जग तो पुकारे तिहारी मोहे
तेरे द्वार आके आ आ आ आ
तेरे द्वार आके जाना नहीं है
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
सब कुछ यहीं है
तेरे घर के बाहर तो न दुनिया न दिन है
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
प्रीत तेरे संग जोड़ी पिया
चुनरी तेरे रंग ओढ़ी पिया
कहीं और घुँघटा आ आ आ आ
कहीं और घुँघटा उठाना नहीं है
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
सब कुछ यहीं है
तेरे घर के बाहर तो न दुनिया न दिन है
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
सब कुछ यहीं है
तेरे घर के बाहर तो न दुनिया न दिन है
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ
आ आ आ आ आ आ आ