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Asha Bhosle - Do Boonden Sawan Ki Haye Lyrics



Asha Bhosle - Do Boonden Sawan Ki Haye Lyrics
Official




दो बूँदें सावन की
हाय दो बूँदें सावन की
एक सागर की सिप में टपके
और मोती बन जाए
दूजी गंदे जल में गिरकर
अपना आप गवाये
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो बूँदें सावन की
हाय दो बूँदें सावन की

दो कलियां गुलशन की
हाय दो कलियां गुलशन की
एक सेहरे के बिच गधे
और मन ही मन इतराये
एक अर्थी की भेट चढ़े
और धूलि में मिल जाए
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो कलियां गुलशन की
हाय दो कलियां गुलशन की

दो सखियां बचपन की
हाय दो सखियां बचपन की
एक सिंहासन पर बैठे
और रुपमति कहलाये
दूजी अपने रूप के कारण
गलियों में बिक जाए
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो सखियां बचपन की
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दो बूँदें सावन की
हाय दो बूँदें सावन की
एक सागर की सिप में टपके
और मोती बन जाए
दूजी गंदे जल में गिरकर
अपना आप गवाये
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो बूँदें सावन की
हाय दो बूँदें सावन की

दो कलियां गुलशन की
हाय दो कलियां गुलशन की
एक सेहरे के बिच गधे
और मन ही मन इतराये
एक अर्थी की भेट चढ़े
और धूलि में मिल जाए
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो कलियां गुलशन की
हाय दो कलियां गुलशन की

दो सखियां बचपन की
हाय दो सखियां बचपन की
एक सिंहासन पर बैठे
और रुपमति कहलाये
दूजी अपने रूप के कारण
गलियों में बिक जाए
किसको मुजरिम समझे
कोई किसको दोष लगाए
हां किसको दोष लगाए
दो सखियां बचपन की
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Writer: Khaiyyaam, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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