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Jhunke Hain Badal Video (MV)




Performed By: Asha Bhosle
Featuring: Mohammed Rafi
Length: 3:30
Written by: Majrooh Sultanpuri




Asha Bhosle - Jhunke Hain Badal Lyrics
Official




[ Featuring Mohammed Rafi ]

झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है

छेड़ो नजर आती है मुझे अंगड़ाइयाँ
किस्मत से मिलती है प्यार की तन्हाईया
चाहत का ये दिन सुहाना सुहाना
भूल न जाना जी बना के दीवाना
झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है

घायल सी हूँ कोई तीर मत मारना
हे मर जाऊंगा न यु प्यार से पुकारना
ऐसे में देखो हमें न सताना
भूल न जाना जी बना के दीवाने
झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
अरे संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है

मैं तो चली देखो प्यार की अदा लिए
लुट चुके हम तो न और डाका डालिए
दिल को चुराया मगर न चुराना
भूल न जाना जी बना के दीवाने
झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है
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झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है

छेड़ो नजर आती है मुझे अंगड़ाइयाँ
किस्मत से मिलती है प्यार की तन्हाईया
चाहत का ये दिन सुहाना सुहाना
भूल न जाना जी बना के दीवाना
झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है

घायल सी हूँ कोई तीर मत मारना
हे मर जाऊंगा न यु प्यार से पुकारना
ऐसे में देखो हमें न सताना
भूल न जाना जी बना के दीवाने
झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
अरे संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है

मैं तो चली देखो प्यार की अदा लिए
लुट चुके हम तो न और डाका डालिए
दिल को चुराया मगर न चुराना
भूल न जाना जी बना के दीवाने
झुके हैं बादल
बालों के
खिले है गुलशन
गालो के
यही तो मौसम
आँखों से पिने का है
सुनो जी कहना
क्यूँ माने
संभल के चलना
क्या जाने
यही तो मौसम
मस्ती में जीने का है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Majrooh Sultanpuri
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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