नैना हैं प्यासे मेरे
प्यासा है प्राण मेरा
मैं हूँ एक बरखा के बिन
जलता सा दिन
आशिया है सुनसान मेरा
नैना हैं प्यासे मेरे
प्यासा हैं प्राण मेरा
मैं हूँ एक बरखा के बिन
जलता सा दिन
मैं हूँ एक बरखा के बिन
जलता सा दिन
आशिया है सुनसान मेरा
मन की है लगन तन से
तन का है तीर्थ दूजा
मन की है लगन तन से
तन का है तीर्थ दूजा
प्यासी रही मिलके उनसे
प्यास को ही मैंने पूजा
यह ही तोह है
अभिमान मेरा
प्यार पूजा प्रार्थना तो
एक साथ रहना चाहे
प्यार पूजा प्रार्थना तो
एक साथ रहना चाहे
साथ अगर साथ न दे
संग आ जाती आहे
अब यही है तूफान मेरा
नैना हैं प्यासे मेरे
प्यासा है प्राण मेरा
मैं हूँ एक बरखा के बिन
जलता सा दिन
आशिया है सुनसान मेरा