Back to Top

Asha Bhosle - Nikle The Kahan Jane Ke Liye Lyrics

theme

Asha Bhosle - Nikle The Kahan Jane Ke Liye Lyrics
Official




निकले थे कहा जाने के लिए
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं

हमने भी कभी हो
हमने भी कभी इस गुलशन में
एक ख्वाब-ए-बहारा देखा था
एक ख्वाब-ए-बहारा देखा था
कब फूल झड़े
कब फूल झड़े कब गर्द उड़े
कब आयी खिजा मालूम नहीं
कब आयी खिजा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं

दिल शोला ए ग़म से हो
दिल शोला ए ग़म से खाक हुआ
या आग लगी अरमानो में
या आग लगी अरमानो में
क्या चीज़ जली
क्या चीज़ जली क्यों सीने से
उठता है धुवा मालूम नहीं
उठता है धुवा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं

बरबाद वफ़ा हो
बरबाद वफ़ा का अफसाना
हम किससे कहे और कैसे कहें
हम किससे कहे और कैसे कहें
खामोश हैं लब
खामोश हैं लब और दुनिया को
अश्को की जुबान मालूम नहीं
अश्को की जुबान मालूम नहीं
निकले थे कहा जाने के लिए
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




निकले थे कहा जाने के लिए
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं

हमने भी कभी हो
हमने भी कभी इस गुलशन में
एक ख्वाब-ए-बहारा देखा था
एक ख्वाब-ए-बहारा देखा था
कब फूल झड़े
कब फूल झड़े कब गर्द उड़े
कब आयी खिजा मालूम नहीं
कब आयी खिजा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं

दिल शोला ए ग़म से हो
दिल शोला ए ग़म से खाक हुआ
या आग लगी अरमानो में
या आग लगी अरमानो में
क्या चीज़ जली
क्या चीज़ जली क्यों सीने से
उठता है धुवा मालूम नहीं
उठता है धुवा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं

बरबाद वफ़ा हो
बरबाद वफ़ा का अफसाना
हम किससे कहे और कैसे कहें
हम किससे कहे और कैसे कहें
खामोश हैं लब
खामोश हैं लब और दुनिया को
अश्को की जुबान मालूम नहीं
अश्को की जुबान मालूम नहीं
निकले थे कहा जाने के लिए
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
पहुंचे है कहा मालूम नहीं
अब अपने भटकते कदमों को
मंजिल का निशा मालूम नहीं
मंजिल का निशा मालूम नहीं
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Roshan, Sahir Ludhianvi
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind

Back to: Asha Bhosle



Asha Bhosle - Nikle The Kahan Jane Ke Liye Video
(Here for Video at the top of page)

Tags:
No tags yet