तू झुकाने पर तो आ सोचता है क्या
आसमा भी झुक के रहेगा क्या है ये दुनिया
तू झुकाने पर तो आ सोचता है क्या
आसमा भी झुक के रहेगा क्या है ये दुनिया
ढूंढता है क्या बहारे
वो तो खुद तुझको पुकारे
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
ढूंढता है क्या बहारे
वो तो खुद तुझको पुकारे
कलिया तो कलिया बहार तेरे कदमो मे आके करेगी सजदा
तू झुकाने पर तो आ सोचता है क्या
आसमा भी झुक के रहेगा क्या है ये दुनिया
इश्क तेरी जिंदगी है उसने की फिर क्या कमी है
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
इश्क तेरी जिंदगी है उसने की फिर क्या कमी है
खुल जाए जुल्फे निखार जाए जलवे जिधर से गुजर हो तेरा
तू झुकाने पर तो आ सोचता है क्या
आसमा भी झुक के रहेगा क्या है ये दुनिया