हूँ उ उ उ उ
हूँ उ उ उ उ
सुन रही है वो आहटे
दबे दबे पाव चलता है कोई
हो रही है वो साज़िशें
दुनिया में नहीं करता है कोई
कोई तो है जो पीछे खड़ा
महसूस हो रहा है
पीछे देखा तो कोई नहीं
अँधेरा रो रहा है
हूँ उ उ उ उ
हूँ उ उ उ उ
दरवाज़े बंद हो रहे हैं
जगमग जगमग सारी रोशनी
कोई नहीं मेरे साथ है
भूत मेरे पास
चुपके से आये उसकी यादें
वो ले जाए मुझे अपने साथ
तन्हाइयों में उन वादियों में
जिसमे दबी है उसकी हर बात
आवाज़
हूँ उ उ उ उ
हूँ उ उ उ उ
हूँ उ उ उ उ हूँ उ उ उ उ हूँ उ उ उ उ