देखा मुझे तो शाम का
चेहरा उतर गया
चेहरा उतर गया
देखा मुझे तो शाम का
चेहरा उतर गया
लेटा हुआ था कब्र में
और दिन गुज़र गया
देखा मुझे तो शाम का
चेहरा उतर गया
चेहरा उतर गया
चेहरा उतर गया
आवाज़ गूँजती हुई
पाज़ेब की गयी
आवाज़ गूँजती हुई
पाज़ेब की गयी
आवाज़ गूँजती हुई
पाज़ेब की गयी
दरिया में तैरता हुआ
कोई भंवर गया
दरिया में तैरता हुआ
कोई भंवर गया
कोई भंवर गया
देखा मुझे तो शाम का
चेहरा उतर गया
जो शक्स हर गुनाह में
शामिल था मेरे साथ
जो शक्स हर गुनाह में
शामिल था मेरे साथ
जो शक्स हर गुनाह में
शामिल था मेरे साथ
हर रोज़ उठ के पूछता हूँ
वो किधर गया
हर रोज़ उठ के पूछता हूँ
वो किधर गया
वो किधर गया
लेटा हुआ था कब्र में
और दिन गुज़र गया
और दिन गुज़र गया
देखा मुझे तो शाम का
चेहरा उतर गया
चेहरा उतर गया
देखा मुझे तो शाम का
चेहरा उतर गया
चेहरा उतर गया
चेहरा उतर गया