तू मन की अति भोरी ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
तू मन की अति भोरी ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
जा को घर भर्यो दही माखन सो
जा को घर भर्यो दही माखन सो
वो क्यो करन लगो चोरी
ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
तू मन की अति भोरी ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
ना काहु को माखन खायो
ना कोई मटकी फोडी
ना काहु को माखन खायो
ना कोई मटकी फोडी
मोरे मुख माखन मलू तोरे सनमुख
मोरे मुख माखन मलू तोरे सनमुख
लाई अहीर की छोरी
ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
तू मन की अति भोरी ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
जा को घर भर्यो दही माखन सो
जा को घर भर्यो दही माखन सो
वो क्यो करन लगो चोरी
ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
दिन दिन भर मैं तो धेनु चरावत करत चाकरी तोरी
दिन दिन भर मैं तो धेनु चरावत करत चाकरी तोरी
या उपर तू उनकी सुनत है
या उपर तू उनकी सुनत है
झुठी कहानी जोरी
ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
तू मन की अति भोरी ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
जा को घर भर्यो दही माखन सो
जा को घर भर्यो दही माखन सो
वो क्यो करन लगो चोरी
ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी
तू मन की अति भोरी ओ मईया मोरी तू मन की अति भोरी