जिस मोड़ पर किये थे हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किये थे हमने क़रार बरसों
उस से लिपट के रोये
उस से लिपट के रोये, दीवाना वार बरसों
जिस मोड़ पर किये थे हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किये थे
तुम गुलसिताँ से आये ज़िक्र-ए-खिजान हिलाये
तुम गुलसिताँ से आये ज़िक्र-ए-खिजान हिलाये
हमने कफ़स में देखी
हमने कफ़स में देखी, फसले बहार बरसों
जिस मोड़ पर किये थे हमने क़रार बरसो
जिस मोड़ पर किये थे
होती रही है यूँ तो बरसात आँसुओ की
होती रही है यूँ तो बरसात आँसुओ की
उठते रहे हैं फिर भी दिल से गुबार बरसों
जिस मोड़ पर किये थे
वो संग दिल था कोई बेगाना-ए-वफ़ा था
वो संग दिल था कोई बेगाना-ए-वफ़ा था
करते रहे है जिसका
करते रहे है जिसका, हम इंतज़ार बरसों
जिस मोड़ पर किये थे हमने क़रार बरसों
उस से लिपट के रोये
उस से लिपट के रोये, दीवाना वार बरसो
जिस मोड़ पर किये थे हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किये थे