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Kisi Gaon Mein Video (MV)




Performed By: Dilraj Kaur
Length: 3:57
Written by: Sudarshan Faakir




Dilraj Kaur - Kisi Gaon Mein Lyrics
Official




किसी गाँव मे एक हसीना थी कोई
वो सावन का भीगा महीना थी कोई
जवानी भी उस पर बड़ी महेरबा थी
महोब्बत जमी है तो वो आस्मा थी
वो अब तक है जिंदा वो अब तक जवा है
किताबे महोब्बत की वो दास्ता है
उसे देखकर मोम होते थे पत्थर
मगर हमसे पूछो ना उसका मुक़द्दर
नगर की बहू वो बनाई गई थी
अलग उसकी महफ़िल सजाई गई थी
वो गाँव के लड़को को चाहत सिखाती
सबक वो महोब्बत का उनको पढ़ती

मगर वक्त कोई नया रंग लाया
ना पूछो कहानी मे क्या मोड़ आया
हुआ प्यार उसको किसी नौजवा से
नतीजा ना पूछो हमारी जूबा से
महोब्बत की राहो पे जिस दिन चली वो
जमाने की नज़रो मे मुजरिम बनी वो
नसीबो मे उसके महोब्बत नही थी
महोब्बत की उसको इजाज़त नही थी

जमाने ने आख़िर उसे जब सज़ा दी
हसीना ने अपनी ये जा तक लूटा दी
वही आस्मा है वही ये जमी है
जवा वो हसीना कही भी नही है
मगर रूहे उलफत की मंज़िल जुड़ा है
महोब्बत की दुनिया का अपना खुदा है
वो अब तक है जिंदा वो अब तक जवा है
किताबे महोब्बत की वो दस्ता है
किसी गाँव मे एक हसीना थी कोई
वो सावन का भीगा महीना थी कोई
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किसी गाँव मे एक हसीना थी कोई
वो सावन का भीगा महीना थी कोई
जवानी भी उस पर बड़ी महेरबा थी
महोब्बत जमी है तो वो आस्मा थी
वो अब तक है जिंदा वो अब तक जवा है
किताबे महोब्बत की वो दास्ता है
उसे देखकर मोम होते थे पत्थर
मगर हमसे पूछो ना उसका मुक़द्दर
नगर की बहू वो बनाई गई थी
अलग उसकी महफ़िल सजाई गई थी
वो गाँव के लड़को को चाहत सिखाती
सबक वो महोब्बत का उनको पढ़ती

मगर वक्त कोई नया रंग लाया
ना पूछो कहानी मे क्या मोड़ आया
हुआ प्यार उसको किसी नौजवा से
नतीजा ना पूछो हमारी जूबा से
महोब्बत की राहो पे जिस दिन चली वो
जमाने की नज़रो मे मुजरिम बनी वो
नसीबो मे उसके महोब्बत नही थी
महोब्बत की उसको इजाज़त नही थी

जमाने ने आख़िर उसे जब सज़ा दी
हसीना ने अपनी ये जा तक लूटा दी
वही आस्मा है वही ये जमी है
जवा वो हसीना कही भी नही है
मगर रूहे उलफत की मंज़िल जुड़ा है
महोब्बत की दुनिया का अपना खुदा है
वो अब तक है जिंदा वो अब तक जवा है
किताबे महोब्बत की वो दस्ता है
किसी गाँव मे एक हसीना थी कोई
वो सावन का भीगा महीना थी कोई
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Writer: Sudarshan Faakir
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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