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Furkan Phansopkar - Rimjhim Gire Sawan Lyrics



Furkan Phansopkar - Rimjhim Gire Sawan Lyrics
Official




रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन

जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन

महफ़िल में कैसे कह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन (रिमझिम गिरे सावन)
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रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन

जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन

महफ़िल में कैसे कह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन (रिमझिम गिरे सावन)
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Writer: YOGESH, RAHUL DEV BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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