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Garv Babbar - Kaise Hua Lyrics



Garv Babbar - Kaise Hua Lyrics
Official




मैं बारिश की बोली समझता नहीं था
हवाओं से मैं यूँ उलझता नहीं था
है सीने में दिल भी, कहाँ थी मुझे ये ख़बर
कहीं पे हो रातें, कहीं पे सवेरे
आवारगी ही रही साथ मेरे
ठहर जा, ठहर जा, ये कहती है तेरी नज़र
क्या हाल हो गया है ये मेरा
आँखें मेरी हर जगह ढूँढें तुझे बेवजह
ये मैं हूँ या कोई और है मेरी तरह
कैसे हुआ कैसे हुआ
तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ
कैसे हुआ कैसे हुआ
तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ
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मैं बारिश की बोली समझता नहीं था
हवाओं से मैं यूँ उलझता नहीं था
है सीने में दिल भी, कहाँ थी मुझे ये ख़बर
कहीं पे हो रातें, कहीं पे सवेरे
आवारगी ही रही साथ मेरे
ठहर जा, ठहर जा, ये कहती है तेरी नज़र
क्या हाल हो गया है ये मेरा
आँखें मेरी हर जगह ढूँढें तुझे बेवजह
ये मैं हूँ या कोई और है मेरी तरह
कैसे हुआ कैसे हुआ
तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ
कैसे हुआ कैसे हुआ
तू इतना ज़रूरी कैसे हुआ
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Writer: Manoj Muntashir
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group, O/B/O DistroKid

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Garv Babbar - Kaise Hua Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Garv Babbar
Length: 1:51
Written by: Manoj Muntashir

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