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Geeta Dutt - Ankhon Hi Ankhon Mein [Classic Revival] Lyrics



Geeta Dutt - Ankhon Hi Ankhon Mein [Classic Revival] Lyrics
Official




[ Featuring Mohammed Rafi ]

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

गाते हो गीत क्यूँ दिल पे क्यूँ हाथ है
खोए हो किस लिए ऐसी क्या बात है
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया

आ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

चलते हो झूम के बदली है चाल भी
नैनो में रंग है बिखरे है बल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया

हाँ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

अब ना वो ज़ोर है अब ना वो शोर है
हमको है सब पता दिल में जो चोर है
ये चोर कैसे गंवारा हो गया

हाँ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

कैसा ये प्यार है कैसा ये नाज़ है
हम भी तो कुछ सुने हमसे क्या राज़ है
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया

हाँ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में
[ Correct these Lyrics ]

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आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

गाते हो गीत क्यूँ दिल पे क्यूँ हाथ है
खोए हो किस लिए ऐसी क्या बात है
ये हाल कब से तुम्हारा हो गया

आ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

चलते हो झूम के बदली है चाल भी
नैनो में रंग है बिखरे है बल भी
किस दिलरुबा का नज़ारा हो गया

हाँ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

अब ना वो ज़ोर है अब ना वो शोर है
हमको है सब पता दिल में जो चोर है
ये चोर कैसे गंवारा हो गया

हाँ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में

कैसा ये प्यार है कैसा ये नाज़ है
हम भी तो कुछ सुने हमसे क्या राज़ है
अच्छा तो ये दिल हमारा हो गया

हाँ आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया

आँखों ही आँखों में इशारा हो गया
बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया
आँखों ही आँखों में
[ Correct these Lyrics ]
Writer: JAN NISAR AKHTAR, MAJROOH SULTANPURI, O.P. NAYYAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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