हर रोज़ कहा हर रोज़ सुना
एक बात न पूरी हो पायी हो पायी
हर रोज़ कहा हर रोज़ सुना
एक बात न पूरी हो पायी हो पायी
हर रोज़ कहा
दिल दे भी चुके दिल ले भी चुके
दिल दे भी चुके दिल ले भी चुके
सौगात न पूरी हो पाई
सौगात न पूरी हो पाई हर रोज़ कहा
आकाश में जैसे चाँद बढ़ा
आकाश में जैसे चाँद बढ़ा
बढ़ती ही गयी मन की आसा
सागर चालका धारा निकली
फिर पिने की मां है प्यासा
छायी भी घटा पानी बरसा
बरसात न पूरी हो पायी हो पायी
हो पायी हर रोज़ कहा
उठती ही रही सागर में लहर
उठती ही रही सागर में लहर
उत्पन्न न हुई चाहत दिल की
प् करके तुम्हे ये दिल न भरा
कुछ और बढ़ी हसरत दिल की
शहनाई बजी और रात छड़ी
बारात न पूरी हो पायी हो पायी
हर रोज़ कहा.