अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाए हम
अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाए हम
ये भी बहुत हैं तुझको अगर भूल जाए हम
अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाए हम
इस ज़िन्दगी में इतनी फ़रागत किसे नसीब
इस ज़िन्दगी में इतनी फ़रागत किसे नसीब
इतना ना याद आके तुझे भूल जाए हम
ये भी बहुत हैं तुझको अगर भूल जाए हम
अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाए हम
तू इतनी दिलजद़ा तो ना थी ऐ शबे फ़िराक
तू इतनी दिलजद़ा तो ना थी ऐ शबे फ़िराक
आ तेरे रास्ते में सितारें लुटाए हम
ये भी बहुत हैं तुझको अगर भूल जाए हम
अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाए हम
वो लोग अब कहाँ हैं जो कहते थे कल फ़राज़
वो लोग अब कहाँ हैं जो कहते थे कल फ़राज़
है है खुद़ा ना करता तुझे भी रुलाए हम
ये भी बहुत हैं तुझको अगर भूल जाए हम
अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ाए हम