बोल क लब आज़ाद है तेरे
बोल ज़ुबान अब तक तेरय है
तेरा सुतवाँ जिस्म है तेरा
बोल क जान अब तक तेरय है
बोल
बोल क लब आज़ाद है तेरे
देख के आहन गर क दुकान मे
टुंड है शोले सुर्ख है अह
कुलाने लगे क़ुफ्फ़लों क दहाने
फैला हर एक ज़ंजीर का दामन
बोल ये तोरा वक़्त बहोट है
जिस्म ओ ज़ुबान की मौत से पहले
बोल क सच ज़िंदा है अब तक
बोल जो कुछ कह ना है कह दे
हिया
बोल जो कुछ कह ना है कह दे