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Hariharan - Galat Hai Muskurana Lyrics



Hariharan - Galat Hai Muskurana Lyrics
Official




ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
नया चेहरा बनाना चाहता है
नया चेहरा बनाना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
हवाओ को बुलाना चाहता है
हवाओ को बुलाना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

हे हे हे

किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
हमे सारा ज़माना चाहता है
हमे सारा ज़माना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

इमाम उसकी खामोशी कह रही है
इमाम उसकी खामोशी कह रही है
इमाम उसकी खामोशी कह रही है
इमाम उसकी खामोशी कह रही है
बिछड़ने का बहाना चाहता है
बिछड़ने का बहाना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
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ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
मेरी आँखो को दीवारो मे चुनकर
नया चेहरा बनाना चाहता है
नया चेहरा बनाना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
दीये चौखट पे उम्मीदो के रख कर
हवाओ को बुलाना चाहता है
हवाओ को बुलाना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

हे हे हे

किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
किसी से दुश्मनी रखते नहीं हम
हमे सारा ज़माना चाहता है
हमे सारा ज़माना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है

इमाम उसकी खामोशी कह रही है
इमाम उसकी खामोशी कह रही है
इमाम उसकी खामोशी कह रही है
इमाम उसकी खामोशी कह रही है
बिछड़ने का बहाना चाहता है
बिछड़ने का बहाना चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
ग़लत है मुस्कुराना, चाहता है
वो अपना गम छुपाना चाहता है
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Writer: HARIHARAN, KAASIM IMAM, Hariharan Anantha
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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