सखी रे काहे कान्हा मोसे, मोसे बोलत नाही
सखी रे काहे कान्हा मोसे, मोसे बोलत नाही
कौन जतन करूँ कैसे मनाऊं
कौन जतन करूँ कैसे मनाऊं
द्वार प्रीत के खोलत नाही
सखी रे काहे कान्हा मोसे, मोसे बोलत नाही
बोलत नाही
ध ध रे रे म ग रे सा नि ध प म सा सा ध ध नि नि म प ध म प
अँखियन कजरा, केश मे गजरा
कर सोलह श्रृंगार मैं हारी
अँखियाँ कजरा, केश मे गजरा
कर सोलह श्रृंगार मैं हारी
पायल बजाई, कंगन बजाया
पायल बजाई, कंगन बजाया
निष्ठुर मन भयो मेरो मुरारी
सौतन हो गयी मोरी बसुरियाँ
अधर पिया के छोड़त नाही
सौतन हो गयी मोरी बसुरियाँ
अधर पिया के छोड़त नाही
कासे कहूँ मैं पीर जिया की
काटे कटे ना बैरन रैना
कासे कहूँ मैं पीर जिया की
काटे कटे ना बैरन रैना
मैं तो बावरी अपने श्याम की
मैं तो बावरी अपने श्याम की
उन बिन आए मोहे ना चैना
निंदिया ऐसो रूठी मो से
नैनन मे फिर लौटत नाही
निंदिया ऐसो रूठी मो से
नैनन मे फिर लौतट नाही
कौन जतन करूँ कैसे मनाऊं
कौन जतन करूँ कैसे मनाऊं
द्वार प्रीत के खोलत नाही
सखी रे काहे कान्हा मोसे, मोसे बोलत नाही
मोसे बोलत नाही