कोई साया झिलमिलाया, रात के पिछले पहर
कोई साया झिलमिलाया, रात के पिछले पहर
फिर मुझे वो याद आया रात के पिछले पहर
कोई साया झिलमिलाया, रात के पिछले पहर
भीगते लम्हें, सुलगती रात और तन्हाइयाँ
भीगते लम्हें, सुलगती रात और तन्हाइयाँ
सबने दीवाना बनाया रात के पिछले पहर
सबने दीवाना बनाया रात के पिछले पहर
फिर मुझे वो याद आया रात के पिछले पहर
कोई साया झिलमिलाया, रात के पिछले पहर
हम तो अपने आप ही से गुफ्तगू करते रहें
हम तो अपने आप ही से गुफ्तगू करते रहें
हाल-ए-दिल खुद को सुनाया रात के पिछले पहर
हाल-ए-दिल खुद को सुनाया रात के पिछले पहर
फिर मुझे वो याद आया रात के पिछले पहर
कोई साया झिलमिलाया, रात के पिछले पहर
जाते जाते अश्क, सारी रात ही जाती रही
जाते जाते अश्क, सारी रात ही जाती रही
आते आते वो ना आया रात के पिछले पहर
आते आते वो ना आया रात के पिछले पहर
फिर मुझे वो याद आया रात के पिछले पहर
कोई साया झिलमिलाया, रात के पिछले पहर
रात के पिछले पहर, रात के पिछले पहर, रात के पिछले पहर