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Jagjit Singh - Meri Ajab Hai Zindagi Lyrics

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Jagjit Singh - Meri Ajab Hai Zindagi Lyrics
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मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
तक़दीर रूठ जाए तो तक़दीर रूठ जाए तो
मेरे खुदा मैं क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ

हालात ने नसीब में गम भर दिए हैं इस क़दर
हालात ने नसीब में गम भर दिए हैं इस क़दर
ना मंज़िलों की कुछ खबर में कारवाँ को क्या करूँ
में कारवाँ को क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ

मिल जाए डूबने पे भी आख़िर तो इक साहिल कहीं
मिल जाए डूबने पे भी आख़िर तो इक साहिल कहीं
तूफान की है आरज़ू तूफान की दुआ करूँ
तूफान की दुआ करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ

मंज़िल की थी तलाश तो गर्दै ए सफ़र मिली मुझे
मंज़िल की थी तलाश तो गर्दै ए सफ़र मिली मुझे
आँखें बरस पड़ी मेरी काली घटा को क्या करूँ
काली घटा को क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
तक़दीर रूठ जाए तो तक़दीर रूठ जाए तो
मेरे खुदा मैं क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
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मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
तक़दीर रूठ जाए तो तक़दीर रूठ जाए तो
मेरे खुदा मैं क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ

हालात ने नसीब में गम भर दिए हैं इस क़दर
हालात ने नसीब में गम भर दिए हैं इस क़दर
ना मंज़िलों की कुछ खबर में कारवाँ को क्या करूँ
में कारवाँ को क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ

मिल जाए डूबने पे भी आख़िर तो इक साहिल कहीं
मिल जाए डूबने पे भी आख़िर तो इक साहिल कहीं
तूफान की है आरज़ू तूफान की दुआ करूँ
तूफान की दुआ करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ

मंज़िल की थी तलाश तो गर्दै ए सफ़र मिली मुझे
मंज़िल की थी तलाश तो गर्दै ए सफ़र मिली मुझे
आँखें बरस पड़ी मेरी काली घटा को क्या करूँ
काली घटा को क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
तक़दीर रूठ जाए तो तक़दीर रूठ जाए तो
मेरे खुदा मैं क्या करूँ
मेरी अजब है ज़िंदगी किसी से क्या गीला करूँ
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Writer: KRITI ANURAAG, CHANDER OBEROI, RAM SIDDHARTH
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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