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Mhmm Video (MV)




Performed By: Karun
Featuring:
Length: 3:06
Written by: Udbhav, Karun




Karun - Mhmm Lyrics
Official




[ Featuring ]

म्हम्म म्हम्म
आ आ आ

भूल गया रिश्तो को
किष्तो में बिक गया
प्यार की गर्मी में खड़ा खड़ा स्क गया
लेनी देनी करी जिसने आज है
मेरी जान इश्क़ वो नाम है
जागे जागे मुझे मौत दिखड़े
दिन में निकल गया तारे सजाने
तेरी खातिर तुझे प्यार दिलाने
तुझसे खुदका रिश्ता निभाने
हन तूने सुना मेरे क़िस्सो में दर्द है
जो भी है लिखा सारा कलाम का क़र्ज़ है
हाँ माना ज़िंदगी थोड़ी सी भा गयी
जो तूने मूह फेरा रात सी छा गयी
गुफ्तगू मैं करता चालू अपने आप से
प्रेम रोग लोभ चढ़ा सारे आम रे
किसने किससे पूछा क्या था किसको काम रे
हन मैं चाहू प्यार तेरा गुनेगार मे

मे तेरा गुनेगार हू
मे तेरा गुनेगार हू

मे तेरे बस के पार हू
हा मे ज़िम्मेदार हू

लगने लगा था मोहोब्बत से दार
चाहने लगी थी मुझको इश्स कदर
था इश्क़ गहरा इश्स तरफ भी पर
मैं छ्चोड़ देता पीछे सारे घर
मैं खुद को पहचानता नही
मैं धर्म में मानता नही
मैं दर्द सहता जस्ट तो फील सम शीत
फिर क्या ग़लत है क्या सही
आपा अपना खो रहा हू क्यू
मुझको भी ना पाटर
तुझको कोस्टा रहा
था खुद से खफा
मे तेरा गुनेगार हू
मे तेरा गुनेगार हू
मे तेरे बस के पार हू

हा मे तेरा गुनेगार हू

हां मे ज़िम्मेदार हू
[ Correct these Lyrics ]

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म्हम्म म्हम्म
आ आ आ

भूल गया रिश्तो को
किष्तो में बिक गया
प्यार की गर्मी में खड़ा खड़ा स्क गया
लेनी देनी करी जिसने आज है
मेरी जान इश्क़ वो नाम है
जागे जागे मुझे मौत दिखड़े
दिन में निकल गया तारे सजाने
तेरी खातिर तुझे प्यार दिलाने
तुझसे खुदका रिश्ता निभाने
हन तूने सुना मेरे क़िस्सो में दर्द है
जो भी है लिखा सारा कलाम का क़र्ज़ है
हाँ माना ज़िंदगी थोड़ी सी भा गयी
जो तूने मूह फेरा रात सी छा गयी
गुफ्तगू मैं करता चालू अपने आप से
प्रेम रोग लोभ चढ़ा सारे आम रे
किसने किससे पूछा क्या था किसको काम रे
हन मैं चाहू प्यार तेरा गुनेगार मे

मे तेरा गुनेगार हू
मे तेरा गुनेगार हू

मे तेरे बस के पार हू
हा मे ज़िम्मेदार हू

लगने लगा था मोहोब्बत से दार
चाहने लगी थी मुझको इश्स कदर
था इश्क़ गहरा इश्स तरफ भी पर
मैं छ्चोड़ देता पीछे सारे घर
मैं खुद को पहचानता नही
मैं धर्म में मानता नही
मैं दर्द सहता जस्ट तो फील सम शीत
फिर क्या ग़लत है क्या सही
आपा अपना खो रहा हू क्यू
मुझको भी ना पाटर
तुझको कोस्टा रहा
था खुद से खफा
मे तेरा गुनेगार हू
मे तेरा गुनेगार हू
मे तेरे बस के पार हू

हा मे तेरा गुनेगार हू

हां मे ज़िम्मेदार हू
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Udbhav, Karun
Copyright: Lyrics © O/B/O DistroKid

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