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Are Bhai Shrimanji Video (MV)




Performed By: Kishore Kumar
Featuring: Mahendra Kapoor
Length: 3:31
Written by: Aziz Kashmiri, O P Nayyar




Kishore Kumar - Are Bhai Shrimanji Lyrics
Official




[ Featuring Mahendra Kapoor ]

बं बं मकक् बं बं मकक् बं बं मकक् बं बं मकक् बं बं बं बं कक्

अरे भई श्रीमान जी
तुरररर्
कहो मेहरबान जी
अरे भई श्रीमान जी
होये
ओ कहो मेहरबान जी

हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान (हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान)
मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी

कदम-क़दम पर नए तमाशे लोग यहाँ दिखलाते हैं
अरे पहलवान जी
अरे भूखे इंसानों के सामने कुत्ते बिस्कुट खाते हैं
अरे श्रीमान जी

हो गए (हो गए)

हे हे

हो गए हम हैरान (हो गए हम हैरान)
ये कैसे है इन्सान (ये कैसे है इन्सान)
मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी

तिलक लगा कर फिरें लुटेरे कौन इन्हें पहचानेगा
अरे मेहरबान जी
अरे आज मेरी जाँ लुटने वाला गुरु इन्हीं को मानेगा
अरे श्रीमान जी
हो गए हम हैरान
ये कैसे हैं इंसान

मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी ( फुर्रररर)
कहो मेहरबान जी

हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान (हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान)
मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी
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बं बं मकक् बं बं मकक् बं बं मकक् बं बं मकक् बं बं बं बं कक्

अरे भई श्रीमान जी
तुरररर्
कहो मेहरबान जी
अरे भई श्रीमान जी
होये
ओ कहो मेहरबान जी

हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान (हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान)
मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी

कदम-क़दम पर नए तमाशे लोग यहाँ दिखलाते हैं
अरे पहलवान जी
अरे भूखे इंसानों के सामने कुत्ते बिस्कुट खाते हैं
अरे श्रीमान जी

हो गए (हो गए)

हे हे

हो गए हम हैरान (हो गए हम हैरान)
ये कैसे है इन्सान (ये कैसे है इन्सान)
मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी

तिलक लगा कर फिरें लुटेरे कौन इन्हें पहचानेगा
अरे मेहरबान जी
अरे आज मेरी जाँ लुटने वाला गुरु इन्हीं को मानेगा
अरे श्रीमान जी
हो गए हम हैरान
ये कैसे हैं इंसान

मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी ( फुर्रररर)
कहो मेहरबान जी

हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान (हो गए हम हैरान ये कैसे हैं इंसान)
मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान (मर जाते हैं करते-करते जीने का सामान)

अरे भई श्रीमान जी
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Aziz Kashmiri, O P Nayyar
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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