Back to Top

Mere Samne Wali Khidki Men [Live] Video (MV)






Kishore Kumar - Mere Samne Wali Khidki Men [Live] Lyrics
Official




अरे भोले तू किधर से बोले
अरे हा हा ओ भाई ही ही ही
अरे हे.. ला ला ला ला ला ला ला ला

हे हे हम्म
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रेहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रेहता है
अफ़सोस ये है के वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है

जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शमां जलाना भूल गये
जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शमां जलाना भूल गये
दिल थाम के ऐसे बैठे हैं
कहीं आना-जाना भूल गये
अब आठ पहर इन आँखों में
वो चंचल मुखड़ा रेहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है

बरसात भी आकर चली गई
बादल भी गरज कर बरस गये
बरसात भी आकर चली गई
बादल भी गरज कर बरस गये
पर उसकी एक झलक को हम
ऐ हुस्न के मालिक तरस गये
कब प्यास बुझेगी आँखों की
दिन-रात ये दुखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस ये है के वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का एक चांद का एक चांद का टुकड़ा रहता है
Thank you thank you thank you very much
दोस्तों ये मेने कुछ आप लोगो comedy गीत सुनाये
अब कुछ heavy weight music पेस करूँगा
समझ गए न आप लोग फिल्म है अमर प्रेम
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




अरे भोले तू किधर से बोले
अरे हा हा ओ भाई ही ही ही
अरे हे.. ला ला ला ला ला ला ला ला

हे हे हम्म
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रेहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रेहता है
अफ़सोस ये है के वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है

जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शमां जलाना भूल गये
जिस रोज़ से देखा है उसको
हम शमां जलाना भूल गये
दिल थाम के ऐसे बैठे हैं
कहीं आना-जाना भूल गये
अब आठ पहर इन आँखों में
वो चंचल मुखड़ा रेहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है

बरसात भी आकर चली गई
बादल भी गरज कर बरस गये
बरसात भी आकर चली गई
बादल भी गरज कर बरस गये
पर उसकी एक झलक को हम
ऐ हुस्न के मालिक तरस गये
कब प्यास बुझेगी आँखों की
दिन-रात ये दुखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का टुकड़ा रहता है
अफ़सोस ये है के वो हमसे
कुछ उखड़ा-उखड़ा रहता है
मेरे सामने वाली खिड़की में
एक चांद का एक चांद का एक चांद का टुकड़ा रहता है
Thank you thank you thank you very much
दोस्तों ये मेने कुछ आप लोगो comedy गीत सुनाये
अब कुछ heavy weight music पेस करूँगा
समझ गए न आप लोग फिल्म है अमर प्रेम
[ Correct these Lyrics ]
Writer: RAHUL DEV BURMAN, RAJINDER KRISHAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network


Tags:
No tags yet