ज़माने में कोई हमारा नहीं
किसी का भी हमको सहारा नहीं
ज़माने में कोई
ज़माने में कोई हमारा नहीं
किसी का भी हमको सहारा नहीं
नसीबो के काले सवेरे तो है
गरीबों के घर में अँधेरे तो है
नसीबो के काले सवेरे तो है
गरीबों के घर में अँधेरे तो है
कोई चाँद कोई सितारा नहीं
किसी का भी हमको सहारा नहीं
सभी के लिए एक दुनिया है ये
हमारे लिए गम का दरिया है ये
सभी के लिए एक दुनिया है ये
हमारे लिए गम का दरिया है ये
भवर ही भवर है ये किनारा नहीं
किसी का भी हमको सहारा नहीं
कही से किसी ने न आवाज़ दी
रहे चुप खुदा और भगवान भी
कही से किसी ने न आवाज़ दी
रहे चुप खुदा और भगवान भी
भगवान भी
किसे हमने जाकर पुकारा नहीं
किसी का भी हमको सहारा नहीं
सहारा नहीं सहारा नहीं