किस मौसम मे
किस मौसम मे
किस मौसम मे किस मौसम मे
या रब तूने ये दिल तोड़ा किस मौसम मे
या रब तूने ये दिल तोड़ा किस मौसम मे
मत पूछो क्या सोच रहा हू
खुद मे खुद को ढूंड रहा हू
चेहरा रोशन दिल है बुझा सा
लगता हू मे खुद से जुड़ा सा
चारो तरफ है जिनमे अंधेरा
चारो तरफ है जिनमे अंधेरा
उन राहो से रिश्ता जोड़ा किस मौसम मे
या रब तूने ये दिल तोड़ा किस मौसम मे
फनकारों की किस्मत क्या है
गम के अलावा दौलत क्या है
फनकारों की किस्मत क्या है
गम के अलावा दौलत क्या है
दिल मे है फुलो की हसरत
कंधो पर है गम का पर्वत
जिनमे फ़िज़ा और सूखे पत्ते
जिनमे फ़िज़ा और सूखे पत्ते
उन राहो पर लाकर छोड़ा किस मौसम मे
या रब तूने ये दिल तोड़ा किस मौसम मे
किस मौसम मे किस मौसम मे
किस मौसम मे किस मौसम मे