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Na Keh Do To [Original] Video (MV)




Performed By: Kumar Sanu
Length: 4:31
Written by: H.N SINGH, LAXMI VASANT




Kumar Sanu - Na Keh Do To [Original] Lyrics
Official




ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
कितनी गहरी प्यार में चुभती
कितनी गहरी प्यार में चुभती
बिन खोले मुँह कह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

बंद होंठ से हँस देती हो
नागिन जैसी डँस लेती हो
अंग अंग पे नशा है तेरा
आज नहीं दिल बस में मेरा
बंद होंठ से हँस देती हो
नागिन जैसी डँस लेती हो
अंग अंग पे नशा है तेरा
आज नहीं दिल बस में मेरा
चाहत भी, कुछ कर ना पाऊँ
अब कैसे ना प्यार मान लूँ
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

हो हो हो हो हो
हो हो हो हो हो

फ़लक उठे तो लंबी गिर के
मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा
कहाँ चली हो नज़र झुका के
हौले हौले दिल को चुरा के
फ़लक उठे तो लंबी गिर के
मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा
कहाँ चली हो नज़र झुका के
हौले हौले दिल को चुरा के
प्रेम, सुधा, रत हो आसूँ की
कैसे ना मैं हार मान लूँ
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
कितनी गहरी प्यार में चुभती
कितनी गहरी प्यार में चुभती
बिन खोले मुँह कह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
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ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
कितनी गहरी प्यार में चुभती
कितनी गहरी प्यार में चुभती
बिन खोले मुँह कह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

बंद होंठ से हँस देती हो
नागिन जैसी डँस लेती हो
अंग अंग पे नशा है तेरा
आज नहीं दिल बस में मेरा
बंद होंठ से हँस देती हो
नागिन जैसी डँस लेती हो
अंग अंग पे नशा है तेरा
आज नहीं दिल बस में मेरा
चाहत भी, कुछ कर ना पाऊँ
अब कैसे ना प्यार मान लूँ
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है

हो हो हो हो हो
हो हो हो हो हो

फ़लक उठे तो लंबी गिर के
मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा
कहाँ चली हो नज़र झुका के
हौले हौले दिल को चुरा के
फ़लक उठे तो लंबी गिर के
मानों मुक्त-ए-सर का पर्दा
कहाँ चली हो नज़र झुका के
हौले हौले दिल को चुरा के
प्रेम, सुधा, रत हो आसूँ की
कैसे ना मैं हार मान लूँ
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
कितनी गहरी प्यार में चुभती
कितनी गहरी प्यार में चुभती
बिन खोले मुँह कह देता है
ना कह दो मैं हार मान लूँ
मौन तुम्हारा सह देता है
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Writer: H.N SINGH, LAXMI VASANT
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network

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