बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़िया
दो दिन यहां सौ दिन घर पराये
बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़िया
दो दिन यहां सौ दिन घर पराये
बाबुल हम तोरे
बचपन बीता तेरे प्यार की छांव में
बचपन बीता तेरे प्यार की छांव में
लेके जवानी चली जाने किस गाँव में
जाने किस गाँव में
हम तो जनम ही से धन हैं पराया
कब तक तू भी हमें घर पे बिठाए
बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़िया
दो दिन यहां सौ दिन घर पराये
बाबुल हम तोरे
गुड़ियों के खेल थे या सखियों का शोर था
गुड़ियों के खेल थे या सखियों का शोर था
आँख मिचौली का ज़माना कुछ और था
ज़माना कुछ और था
हाथ पकड़ के मेरा पूछे वह गुड़िया
बोल चली है कहाँ अँखियाँ चुराये
बाबुल हम तोरे अंगना की चिड़िया
दो दिन यहां सौ दिन घर पराये
बाबुल हम तोरे
गोद में तेरी सुनि जितनी कहानियां
गोद में तेरी सुनिन जितनी कहानियां
दिल पे रहेंगी बन के तेरी निशानियाँ
तेरी निशानियाँ
लेके चले हैं मुझे दूर कहीं अब
चार कहार मेरी डोलिया उठाये
बाबुल हम तोरे