दर्द भरा दिल भर भर आये
सब्र का दामन छूट ना जाये
दर्द भरा दिल
हो दर्द भरा दिल भर भर आये
सब्र का दामन छूट ना जाये, हो
दर्द भरा दिल
लाज वफ़ा की कैसे बचाऊँ
लाज वफ़ा की कैसे बचाऊँ
दिल से मैं कितना उन को भुलाऊँ
और भी उन की याद सताये
सब्र का दामन छूट ना जाये
दर्द भरा दिल
हो गये टुकड़े मेरे दिल के
रह गये अरमाँ ख़ाक में मिल के
खूब मज़े उल्फ़त के उठाए
सब्र का दामन छूट ना जाये
दर्द भरा दिल
आह ना करना, आँसू पीना
आह ना करना, आँसू पीना
खेल नहीं मर मर के जीना
जैसे कलेजा निकला आए
सब्र का दामन छूट ना जाये
दर्द भरा दिल
हो दर्द भरा दिल भर भर आये
सब्र का दामन छूट ना जाये
दर्द भरा दिल