Back to Top

Lata Mangeshkar - Kah Rahe Hain Yeh Ansoo Lyrics

theme

Lata Mangeshkar - Kah Rahe Hain Yeh Ansoo Lyrics
Official




कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं

क्या हुआ मैं अगर खूबसूरत नहीं
मैं भी इंसान हूँ मिट्टी की मूरत नहीं
क्या हुआ मैं अगर खूबसूरत नहीं
मैं भी इंसान हूँ मिट्टी की मूरत नहीं
आपकी मैं बेहेन बेटी होती अगर
आप पे क्या गुज़रती मैं रोती अगर

हो मेरी सूरत पे ताने यूँ कस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं

कीमती मोटरे जगमगाते लिबाज़
महंगी चीज़े है सब आप लोगो के पास
कीमती मोटरे जगमगाते लिबाज़
महंगी चीज़े है सब आप लोगो के पास
इस लिए तुम भला फिर ख़ुदा से डरो
बदनसीबों की परवर दुआं से डरो

हो मेरी मजबूरिओ पे यूँ हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं

क्या हुआ मैं अगर खूबसूरत नहीं
मैं भी इंसान हूँ मिट्टी की मूरत नहीं
क्या हुआ मैं अगर खूबसूरत नहीं
मैं भी इंसान हूँ मिट्टी की मूरत नहीं
आपकी मैं बेहेन बेटी होती अगर
आप पे क्या गुज़रती मैं रोती अगर

हो मेरी सूरत पे ताने यूँ कस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं

कीमती मोटरे जगमगाते लिबाज़
महंगी चीज़े है सब आप लोगो के पास
कीमती मोटरे जगमगाते लिबाज़
महंगी चीज़े है सब आप लोगो के पास
इस लिए तुम भला फिर ख़ुदा से डरो
बदनसीबों की परवर दुआं से डरो

हो मेरी मजबूरिओ पे यूँ हस्ते हुए
आपको शर्म आती नहीं
कह रहे हैं यह आंसू बरसते हुए
ऊँचे ऊँचे मकानों में बसते हुए
एक गरीबन की लड़की पे हस्ते हुए
आपको शर्म आती
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANANDSHI BAKSHI, R D Burman
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind




Lata Mangeshkar Kah Rahe Hain Yeh Ansoo Video

Tags:
No tags yet