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Lata Mangeshkar - Raat Aur Din Diya Jale Lyrics

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Lata Mangeshkar - Raat Aur Din Diya Jale Lyrics
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रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन

पग पग मन मेरा ठोकर खाए, चाँद सूरज भी राह ना दिखाए
पग पग मन मेरा ठोकर खाए, चाँद सूरज भी राह ना दिखाए
ऐसा उजाला कोइ मन में समाये, जिस से पीया का दर्शन मिल जाए
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन

गहरा ये भेद कोइ मुझको बताये, किसने किया हैं मुझ पर अन्याय
गहरा ये भेद कोइ मुझको बताये, किसने किया हैं मुझ पर अन्याय
जिस का हो दीप वो सुख नहीं पाए, ज्योत दिए की दूजे घर को सजाये
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन

खुद नहीं जानू ढूंढें किसको नज़र, कौन दिशा हैं मेरे मन की डगर
खुद नहीं जानू ढूंढें किसको नज़र, कौन दिशा हैं मेरे मन की डगर
कितना अजब ये दिल का सफ़र, नदियाँ में आये जाए जैसे लेहेर
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन
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रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन

पग पग मन मेरा ठोकर खाए, चाँद सूरज भी राह ना दिखाए
पग पग मन मेरा ठोकर खाए, चाँद सूरज भी राह ना दिखाए
ऐसा उजाला कोइ मन में समाये, जिस से पीया का दर्शन मिल जाए
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन

गहरा ये भेद कोइ मुझको बताये, किसने किया हैं मुझ पर अन्याय
गहरा ये भेद कोइ मुझको बताये, किसने किया हैं मुझ पर अन्याय
जिस का हो दीप वो सुख नहीं पाए, ज्योत दिए की दूजे घर को सजाये
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन

खुद नहीं जानू ढूंढें किसको नज़र, कौन दिशा हैं मेरे मन की डगर
खुद नहीं जानू ढूंढें किसको नज़र, कौन दिशा हैं मेरे मन की डगर
कितना अजब ये दिल का सफ़र, नदियाँ में आये जाए जैसे लेहेर
रात और दिन दिया जले, मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है, ओ साथी, तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan
Copyright: Lyrics © Royalty Network
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