दर्द में डूब गयी शाम न जाने क्या हो
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम न जाने क्या हो
दर्द में डूब गयी शाम न जाने क्या हो
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम न जाने क्या हो
दर्द में डूब गयी शाम न जाने क्या हो
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम न जाने क्या हो
दर्द में डूब गयी शाम
तेरी कसमे तेरी वादे मैं भुलाऊ कैसे
ज़ख़्म दिल पर वो लगे है के बताऊ कैसे
आरज़ू बन गयी इलज़ाम न जाने क्या हो
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम न जाने क्या हो
दर्द में डूब गयी शाम
है पुराणी वही रस्मे
वही बाते सलमा
क्या सजेगी यहाँ ख्वाबो की बराते सलमा
टूटे उमीद के सब जाम न जाने क्या हो
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम न जाने क्या हो
दर्द में डूब गयी शाम