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Mohammed Rafi - Jinhen Naaz Hai Hind Par Lyrics



Mohammed Rafi - Jinhen Naaz Hai Hind Par Lyrics
Official




हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवाँ ज़िंदगी के
कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

ये पुरपेच गलियाँ, ये बदनाम बाज़ार
ये ग़ुमनाम राही, ये सिक्कों की झंकार
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
ये सदियों से बेखौफ, सेहमी सी गलियाँ
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियाँ
ये बिकती हुई खोखली रंग-रलियाँ
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों में खाँसी की ठन-ठन
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख फ़िकरे
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवान भी
तनोमंद बेटे भी, अब्बा, मियाँ भी
ये बीवी भी है ये बीवी भी है
और बहन भी है, माँ भी
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

मदद चाहती है ये हवा की बेटी
यशोदा की हम जीन सी, राधा की बेटी
मदद चाहती है ये हवा की बेटी
यशोदा की हम जीन सी, राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत, झुलेखा की बेटी
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
ज़रा मुल्क के रेहबरों को बुलाओ
ये कुचे, ये गलियाँ, ये मंजर दिखाओ
जिन्हें नाज़ है हिंद पर उनको लाओ
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
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हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवाँ ज़िंदगी के
कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

ये पुरपेच गलियाँ, ये बदनाम बाज़ार
ये ग़ुमनाम राही, ये सिक्कों की झंकार
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
ये सदियों से बेखौफ, सेहमी सी गलियाँ
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियाँ
ये बिकती हुई खोखली रंग-रलियाँ
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों में खाँसी की ठन-ठन
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख फ़िकरे
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवान भी
तनोमंद बेटे भी, अब्बा, मियाँ भी
ये बीवी भी है ये बीवी भी है
और बहन भी है, माँ भी
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

मदद चाहती है ये हवा की बेटी
यशोदा की हम जीन सी, राधा की बेटी
मदद चाहती है ये हवा की बेटी
यशोदा की हम जीन सी, राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत, झुलेखा की बेटी
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
ज़रा मुल्क के रेहबरों को बुलाओ
ये कुचे, ये गलियाँ, ये मंजर दिखाओ
जिन्हें नाज़ है हिंद पर उनको लाओ
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ हैं
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं
[ Correct these Lyrics ]
Writer: SACHIN DEV BURMAN, SAHIR LUDHIANVI, S D Burman
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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