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Mohammed Rafi - Kaun Kisiko Bandh Saka Lyrics



Mohammed Rafi - Kaun Kisiko Bandh Saka Lyrics
Official




कौन किसी को बाँध सका हाँ
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है

अंगड़ाई ले कर के जागी है नौजवानि
अंगड़ाई ले कर के जागी है नौजवानि
सपने नए हैं और ज़ंजीर है पुरानी
पहरेदार फांके से बरसो राम धड़ाके से
होशियार भाई सब होशियार
रात अँधेरी रुत बरखा
और ग़ाफ़िल सारा ज़माना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
अरे पंछी को उड़ जाना है

ओ ओ ओ ओ हो
खिड़की से रुकता है झोंका कहीं हवा का
हिल जाएँ दीवारें ऐसा करो धमाका
खिड़की से रुकता है झोंका कहीं हवा का
हिल जाएँ दीवारें ऐसा करो धमाका
बोले ढोल ताशे से बरसो राम धड़ाके से
होशियार भाई सब होशियार
देख के भी न कोई देखे
ऐसा कुछ रंग ज़माना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है

कह दो शिकारी से फन्दा लगा के देखे
कह दो शिकारी से फन्दा लगा के देखे
अब जिसमें हिम्मत हो रास्ते में आ के देखे
निकला शेर हाँके से बरसो राम धड़ाके से
जाने वाले को जाना है और सीना तान के जाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
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कौन किसी को बाँध सका हाँ
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है

अंगड़ाई ले कर के जागी है नौजवानि
अंगड़ाई ले कर के जागी है नौजवानि
सपने नए हैं और ज़ंजीर है पुरानी
पहरेदार फांके से बरसो राम धड़ाके से
होशियार भाई सब होशियार
रात अँधेरी रुत बरखा
और ग़ाफ़िल सारा ज़माना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
अरे पंछी को उड़ जाना है

ओ ओ ओ ओ हो
खिड़की से रुकता है झोंका कहीं हवा का
हिल जाएँ दीवारें ऐसा करो धमाका
खिड़की से रुकता है झोंका कहीं हवा का
हिल जाएँ दीवारें ऐसा करो धमाका
बोले ढोल ताशे से बरसो राम धड़ाके से
होशियार भाई सब होशियार
देख के भी न कोई देखे
ऐसा कुछ रंग ज़माना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है

कह दो शिकारी से फन्दा लगा के देखे
कह दो शिकारी से फन्दा लगा के देखे
अब जिसमें हिम्मत हो रास्ते में आ के देखे
निकला शेर हाँके से बरसो राम धड़ाके से
जाने वाले को जाना है और सीना तान के जाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
तोड़ के पिंजरा एक न एक दिन
पंछी को उड़ जाना है
कौन किसी को बाँध सका
सय्याद तो एक दीवाना है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: R. D. BURMAN, MAJROOH SULTANPURI
Copyright: Lyrics © Universal Music Publishing Group




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