तंग आ चुके हैं कश्मकश-ए-ज़िन्दगी से हम
तंग आ चुके हैं कश्मकश-ए-ज़िन्दगी से हम
ठुकरा ना दें जहाँ को कहीं बेदिली से हम (अरे जनाब खुशी के मौके पे क्या)
बेदिली का राग छेड़ा हुआ है कोई खुशी का गीत सुनाइए
हम गमजदा है लाये कहा से खुशी के गीत
कहा से खुशी के गीत
देंगे वही जो पाएंगे इस ज़िंदगी से हम
देंगे वही जो पाएंगे इस ज़िंदगी से हम
उभरेंगे एक बार अभी दिल के वलवले
अभी दिल के वलवले
माना के दब गए है गम-ए-ज़िन्दगी से हम
माना के दब गए है गम-ए-ज़िन्दगी से हम
लो आज हमने तोड़ दिया
लो आज हमने तोड़ दिया, रिश्ता-ए-उम्मीद
रिश्ता-ए-उम्मीद
लो अब कभी गिला ना करेंगे किसी से हम
लो अब कभी गिला ना करेंगे किसी से हम