[ Featuring Lata Mangeshkar ]
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये
हम तुम्हे चाहे तुम नहीं चाहो
ऐसा कभी न हो सकता
पिता अपने बालक से बिछुड़ के
सुख से कभी न सो सकता
हमें डरने की
जग में क्या बात है
जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये
प्रेम की है ये आग सज्जन जो
इधर उठे और उधर लगे
प्रेम की है ये आग सज्जन जो
इधर उठे और उधर लगे
प्यार का है ये तार पिया जो
इधर सजे और उधर बजे
तेरी प्रीत पे बड़ा हमें नाज़ है
मेरे सर का तू ही रे सरताज है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ चुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने तो आओ छलिये