अनजानेमें ही मैंने तुझे अपना ये दिल दे दिया
सुनी सुनी ज़िन्दगीमें मुझे अपना कोई मिल गया
वो जीनेकी आरज़ू मुझको है मिल गयी
दिवाना हो गया चाहतमें तेरी
तू ना जाने तेरा कैसे मेरे दिलपे असर है हुआ
अनजानेमें ही मैंने तुझे अपना ये दिल दे दिया
मुझे याद है सनम वो पहली मुलाकात अपनी
एकही झलक से तेरी बहेकने लगा था ये दिल
तबसे ये हाल है इसका संभलता नहीं मुझसे ये
तू ही इसको बता दे हुई कैसे ये दिल्लगी
जब न देखूं तुझे दिल ये मेरा क्यों यूँ तड़पने लगा
तुझे देखूं फिरभी क्यों ये पागल ऐसे मचलने लगा
है ये पहली बार मुझे हुई किसीसे आशिकी
यूँ ना बेताब हुआ दिल किसीकी राह में कभी
प्यार होता है क्या समझने लगा अभी
तू ही मुझको बता दे है ये कैसी बेखुदी
तेरी आंखोंमे ही क्यों मैं सारी दुनिया समाने लगा
अब तेरे ही खयालोमें क्यों दिन रात खोने लगा
वो जीनेकी आरज़ू मुझको है मिल गयी
दिवाना हो गया चाहतमें तेरी
अनजानेमें ही मैंने तुझे अपना ये दिल दे दिया
अनजानेमें ही मैंने तुझे अपना ये दिल दे दिया
अनजानेमें ही मैंने तुझे अपना ये दिल दे दिया