दुखाए दिल जो किसी का वो आदमी क्या है
दुखाए दिल जो किसी का वो आदमी क्या है
किसी के काम ना आये तो जिंदगी क्या हे
दुखाए दिल जो किसी का
किसी को तुझसे गीला तेरी बेरूखी का ना हो
जो हो चुका है तेरा तू अगर उसी का ना हो
फिर उसके वास्ते ये कायनात भी क्या है
किसी के काम ना आये तो जिंदगी क्या है
दुखाए दिल जो किसी का
किसी के दिल की तू फ़रियाद है क़रार नही
खिलाए फूल जो ज़ख़्मों के वो बहार नही
जो दूसरों के लिए गम हो वो खुशी क्या है
किसी के काम ना आये तो जिंदगी क्या है
दुखाए दिल जो किसी का
ये क्या के आग किसी की हो और कोई जले
बने शरीक ए सफ़र जिसका उससे कट के चले
जो फासले ना मिटा वो प्यार ही क्या है
किसी के काम ना आये तो जिंदगी क्या है
दुखाए दिल जो किसी का