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Omkar - Zara Zara Lyrics



Omkar - Zara Zara Lyrics
Official




तड़पाये मुझे तेरी सभी बातें
एक बार तू ए दीवानी
झूठा ही सही प्यार तो कर
मैं भूला नहीं हँसी-मुलाकातें
बेचैन करके मुझको
मुझसे यूँ ना फेर नज़र
सर्दी की रातों में हम सोयें रहें हैं चादर में
हम दोनो तन्हा हो ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में

यूं बरस-बरस काली घटा बरसे
हम यार भीग जायें
इस चाहत की बारिश में
तेरी खुली-खुली लटों को सुलझाऊँ
में अपनी उंगलियों से
मैं तो हूँ इस ख्वाहिश में
सर्दी की रातों में हम सोयें रहें हैं चादर में
हम दोनो तन्हा हो ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में

बाहों में भरले मुझको थोड़ा करीब ला
जब करता आंखे बंद में
दिखती एक अप्सरा
ना जाने क्यू मगर मे
दिल से दिल मिला बैठा
जब छोड़ा तूने हाथ लगा के
सब कुछ गवा बैठा
साफ साफ ये साथ था
तेरा हर एक गिला माफ था
तस्वीर ढूँढी परछाई में तेरी
निकला जो भी वो राख था
क्यों बेचेन परेशान हूं
सब कुछ ये देख हैरान हूँ
ज़रा देख पलट के पीछे तू
में तेरी जान में छुपी वो जान हूँ
कल तक जो तेरा होता था
आज भी वो तेरा है
ना जाने कितनी बाहो में
होता तेरा सवेरा है
किस्मत से लड़ जाऊ या
मानु इसको अपनी गलती
ज़रा ज़रा महकता जिसम
तभी तो तेरा है

ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
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तड़पाये मुझे तेरी सभी बातें
एक बार तू ए दीवानी
झूठा ही सही प्यार तो कर
मैं भूला नहीं हँसी-मुलाकातें
बेचैन करके मुझको
मुझसे यूँ ना फेर नज़र
सर्दी की रातों में हम सोयें रहें हैं चादर में
हम दोनो तन्हा हो ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में

यूं बरस-बरस काली घटा बरसे
हम यार भीग जायें
इस चाहत की बारिश में
तेरी खुली-खुली लटों को सुलझाऊँ
में अपनी उंगलियों से
मैं तो हूँ इस ख्वाहिश में
सर्दी की रातों में हम सोयें रहें हैं चादर में
हम दोनो तन्हा हो ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में

बाहों में भरले मुझको थोड़ा करीब ला
जब करता आंखे बंद में
दिखती एक अप्सरा
ना जाने क्यू मगर मे
दिल से दिल मिला बैठा
जब छोड़ा तूने हाथ लगा के
सब कुछ गवा बैठा
साफ साफ ये साथ था
तेरा हर एक गिला माफ था
तस्वीर ढूँढी परछाई में तेरी
निकला जो भी वो राख था
क्यों बेचेन परेशान हूं
सब कुछ ये देख हैरान हूँ
ज़रा देख पलट के पीछे तू
में तेरी जान में छुपी वो जान हूँ
कल तक जो तेरा होता था
आज भी वो तेरा है
ना जाने कितनी बाहो में
होता तेरा सवेरा है
किस्मत से लड़ जाऊ या
मानु इसको अपनी गलती
ज़रा ज़रा महकता जिसम
तभी तो तेरा है

ज़रा-ज़रा महकता है, बहकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासा हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Aditya Bhardwaj
Copyright: Lyrics © TUNECORE INC, TuneCore Inc.

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Omkar - Zara Zara Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Omkar
Length: 3:48
Written by: Aditya Bhardwaj

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