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Om Jai Jagdish Hare Video (MV)




Performed By: Palak Muchchal
Length: 8:25
Written by: Shardha Ram Phillauri




Palak Muchchal - Om Jai Jagdish Hare Lyrics
Official




ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे
दुःख बिनसे मन का
स्वामी दुःख बिनसे मन का
सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे

मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं में किसकी
स्वामी शरण गहूं में किसकी
तुम बिन और न दूजा
तुम बिन और न दूजा
आस करूं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा
तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ओम जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर
तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी
में सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता
ओम जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर
सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय
किस विधि मिलूं दयामय
तुमको मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे

दीन बन्धु दुःख हर्ता
ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपनी शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे
ओम जय जगदीश हरे

विषय विकार मिटाओ
पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ओम जय जगदीश हरे(हां )
ओम जय जगदीश हरे( आ आ )
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
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ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे
दुःख बिनसे मन का
स्वामी दुःख बिनसे मन का
सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे

मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं में किसकी
स्वामी शरण गहूं में किसकी
तुम बिन और न दूजा
तुम बिन और न दूजा
आस करूं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा
तुम अन्तर्यामी
स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर
पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी
ओम जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर
तुम पालनकर्ता
स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी
में सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता
ओम जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर
सबके प्राणपति
स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय
किस विधि मिलूं दयामय
तुमको मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे

दीन बन्धु दुःख हर्ता
ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपनी शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे
ओम जय जगदीश हरे

विषय विकार मिटाओ
पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ओम जय जगदीश हरे(हां )
ओम जय जगदीश हरे( आ आ )
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दासजनो के संकट
क्षण में दूर करे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
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Writer: Shardha Ram Phillauri
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty Network


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